भारतीय सेना पूरे विश्व मे अपनी वीरता तथा पराक्रम के लिए जानी जाती है। इंडियन डिफेंस फ़ोर्स जिसमे भारतीय थल सेना, वायुसेना तथा नौसेना ने सभी युद्ध मे अपने पराक्रम का परिचय दिया है। भारतीय सेनाओं ने सन 1947 में पाकिस्तान सेना की गुसपेठ, 1971 की लड़ाई तथा 1999 की कारगिल की लड़ाई में पाकिस्तान की सेना को करारी शिकस्त दी है। इसके अलावा भी भारतीय सेना ने महत्वपूर्ण विदेशी आपरेशन में अपने अदम्य साहस का परिचय दिया है। भारतीय सेनाओं में साहस तथा वीरता का प्रदर्शन करने वाले सैनिकों तथा अफसर को वीरता पुरष्कार ( Gallantry awards ) से भारतीय सरकार द्वारा सम्मानित किया जाता है। इस पोस्ट में हम बात करेंगे वीरता पुरुष्कार के बारे में।
Gallantry awards in India /वीरता पुरुष्कार
भारत की तीनों सेनाओं में वीरता के लिए दो प्रकार के गैलेंट्री अवार्ड्स से सम्मानित किया जाता है। जो कि निम्नलिखित है।
- युद्ध के समय वीरता के प्रदर्शन के लिए वीरता पुरुष्कार
- शांतिकाल के समय वीरता के प्रदर्शन के लिए वीरता पुरुष्कार।
जब भी भारत तथा किसी अन्य दुश्मन देश के बीच लड़ाई में कोई भारतीय सेना का नोजवान अपने अदम्य साहस तथा वीरता का प्रदर्शन करता है तो उसे युद्ध के समय वीरता के प्रदर्शन के लिए दिए जाने वाले gallantry awards से सम्मानित किया जाता है।
जब भारत तथा किसी अन्य देश के बीच कोई जंग न हो तथा शांति का माहौल हो उस समय टेररिस्ट अटैक या अन्य किसी प्रकार के देश के ऊपर खतरे में, सेना का जवान अपनी वीरता तथा शौर्य का प्रदर्शन करता है तो उसे शांतिकाल के समय दिए जाने वाले वीरता पुरुष्कार से भारतीय सरकार सम्मानित करते है।
Gallantry awards during wartime
युद्धकाल के समय वीरता के लिए भारतीय सेना में जवानो को तीन प्रकार के gallantry awards (वीरता पुरुष्कार) से सम्मानित किया जाता है जो कि निम्नलिखित है।
1. परमवीर चक्र (Paramvir Chakar)
भारत मे gallantry award में परमवीर चक्र का स्थान सबसे ऊपर है (highest gallantry award in India) युद्धकाल में सर्वोत्तम वीरता का प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को इस पुरुष्कार से सम्मानित किया जाता है। भारत का परमवीर चक्र अमेरिका के मैडल ऑफ़ हॉनर तथा ब्रिटेन के विक्टोरिया क्रॉस के बराबर है। शार्ट फॉर्म में Paramvir Chakar को PVC भी कहा जाता है। अभी तक कुल 21 परमवीर चक्र से भारतीय वीर जवानों को नवाजा गया है जिसमे से 14 जवानों को Paramvir Chakar से मरणोपरांत सम्मानित किया गया है।
इन 21 परमवीर चक्र में से 20 PVC भारतीय थल सेना तथा एक PVC से भारतीय वायुसेना को सम्मानित किया गया है। फ्लाइंग अफसर निर्मल जीत सिंह सेखों को सन 1971 की लड़ाई में Paramvir Chakar से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। अब जनवरी 2019 में PVC विजेताओं में से 3 परमवीर चक्र विजेता जीवित है जिनमे सूबेदार मेजर बाना सिंह, सूबेदार संजय कुमार तथा सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव है।
परमवीर चक्र विजेताओं को केंद्र सरकार कैश रिवॉर्ड तथा प्रत्येक महीने पेंशन के अलावा अलाउंस भी देती है। यदि PVC से मरणोपरांत सम्मानित किया जाता है तो परमवीर सैनिक का परिवार इस सम्मान को प्राप्त करता है तथा उससे मिलने वाली पेंशन तथा भत्ते भी उसकी पत्नी या पेरेंट्स को दिए जाते है। केंद्र सरकार के अलावा भी राज्य सरकार भी PVC विनर को सम्मानित करती है तथा राज्य सरकार से मिलने वाली राशि केंद्र सरकार की बजाय काफी अधिक होती है।
Paramvir Chakar से सम्मानित डिफेंस पर्सन को केंद्र सरकार प्रति महीना 20,000 रुपये कैश रिवॉर्ड प्रदान करती है। केंद्र सरकार द्वारा 1 अगस्त 2018 से वीरता पुरुष्कार की मासिक पेंशन को दोगुना कर दिया गया है जिसके परिणामस्वरूप परमवीर चक्र विजेता डिफेंस पर्सन को प्रति महीना 10,000 रुपये की बजाय 20,000 रुपये महीने का अलॉन्स दिया जाता है।
2. महावीर चक्र (Mahavir Chakar)
महावीर चक्र युद्धकाल के समय वीरता का प्रदर्शन करने वाले डिफेंस पर्सन को दिया जाता है। परमवीर चक्र के पश्चात युद्धकाल के समय वीरता के लिए दिया जाने वाला यह दूसरा नंबर का उच्च वीरता पुरुष्कार है। महावीर चक्र तथा परमवीर चक्र से केवल डिफेंस पर्सन को सम्मानित किया जाता है। Mahavir Chakar दुश्मन की उपस्थिति में वीरता का प्रदर्श करने वाले डिफेंस पर्सन को सम्मान के रूप में दिया जाता है।
अंतिम महावीर चक्र से सन 2001 में सम्मानित किया गया था। अब तक कुल 218 महावीर चक्र से सेना के जवानों को सम्मानित किया जा चुका है जिसमे से 73 Mahavir Chakar से मरणोपरांत सम्मानित किया है। सबसे अधिक महावीर चक्र से भारत पाकिस्तान युद्ध 1971 मे सम्मानित किया गया जिसमें इंडियन एयर फोर्स के कुल 11 अधिकारियों को सम्मानित किया गया था।
महावीर चक्र से एक ही डिफेंस पर्सन को वीरता के लिए दो बार सम्मानित किया जा सकता है जिसमे महावीर चक्र बार से डिफेंस पर्शन को समानित करता है। अब तक कुल 6 बार महावीर चक्र बार से सम्मानित किया जा चुका है।
महावीर चक्र विजेता को केंद्र सरकार हर महीने 10,000 रुपये की सम्मानित राशि प्रदान करती है जो 1 अगस्त 2018 से पहले 5000 रुपये प्रति महीना थी।
3. वीर चक्र (Vir Chakar)
वीर चक्र युद्ध के समय वीरता के लिए दिया जाने तीसरा अवार्ड है। परमवीर चक्र तथा महावीर चक्र के बाद युद्धकाल के समय वीरता तथा शौर्य का प्रदर्शन करने वाले डिफेंस पर्सन को इस अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। युद्ध के समय वीरता के लिए तीन अवार्ड्स से सम्मानित किया जाता है जिसमे से वीर चक्र का क्रम परमवीर चक्र तथा महावीर चक्र के बाद आता है
अब तक कुल 1322 वीर चक्र अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है जिसमे से 361 वीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया है। वीर चक्र से सम्मानित डिफेंस पर्सन या उनके परिवार को केंद्र सरकार प्रति महीना 6000 रुपये की राशि प्रदान करती है।
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युद्धकाल के समय वीरता के लिए देश के बहादुर सैनिकों को तीन वीरता पुरुष्कार से सम्मानित किया जाता है जिनके बारे में हम बात कर चुके है। अब बात करते है शांतिकाल के समय वीरता तथा शौर्य का प्रदर्शन करने पर दिए जाने वाले वीरता पुरुष्कारो के बारे में।
Gallantry Awards during peace time
अब बात करते है शांतिकाल के समय वीरता के लिए दिए जाने वाले Gallantry Awards के बारे में। जिस प्रकार युद्धकाल के समय वीरता के लिए देश के बहादुर जवानों को तीन वीरता पुरुष्कार परमवीर चक्र, महावीर चक्र तथा वीर चक्र से सम्मानित किया जाता है उसी प्रकार शांतिकाल के समय वीरता का परिचय देने वाले देश के सैनिकों को तीन प्रकार के वीरता पुरुष्कार से सम्मानित किया जाता है जो कि निम्नलिखित है।
1. अशोक चक्र (Ashok Chakar)
अशोक चक्र शांतिकाल के समय दिया जाने वाला सर्वोच्च वीरता पुरुष्कार है। अशोक चक्र शांतिकाल में परमवीर चक्र के समानांतर माना जाता है। अशोक चक्र से मिलिट्री पर्सन के अलावा सिविलियन को भी शांतिकाल में उनके अद्भुत साहस के लिए सम्मानित किया जा सकता है।
Ashok Chakar से भारतीय थल सेना, वायुसेना, जलसेना के अलावा टेरीटोरियल आर्मी, पैरामिलिटरी फ़ोर्स तथा स्टेट पुलिस को भी सम्मानित किया जा सकता है। अशोक चक्र से सर्वप्रथम फ्लाइट लेफ्टिनेंट सुहास विश्वास को सन 1952 में सम्मानित किया गया था तथा अंतिम बार सन 2018 में कॉर्पोरल ज्योति प्रकाश निराला जी को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है।
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वर्ष 2018 तक कुल 84 बार Ashok Chakar से सम्मानित किया गया है जिसमे से 58 बार मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है। केंद्र सरकार अशोक चक्र से सम्मानित व्यक्ति या उसके परिवार को 12000 रुपये प्रति महीना प्रदान करती है।
2. कीर्ति चक्र (Kirti Chakar)
शांतिकाल के समय अशोक चक्र के बाद यह दूसरा उच्च वीरता पुरुष्कार है। अशोक चक्र की तरह कीर्ति पुरुष्कार से भी मिलिट्री पर्सन के अलावा टेरीटोरियल आर्मी, पैरामिलिटरी फ़ोर्स, स्टेट पुलिस तथा सिविलियन को उनके साहस तथा वीरता के लिए सम्मानित किया जा सकता है। कीर्ति चक्र शांतिकाल के समय महावीर चक्र के बराबर माना जाता है।
सन 1967 से पहले कीर्ति चक्र को अशोक चक्र क्लास II के नाम से जाना जाता था। कीर्ति चक्र से अब तक कुल 453 व्यक्तियों को उनके साहस तथा वीरता के लिए सम्मानित किया जा चुका है जिसमे से 198 को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है। कर्नल N J नायर सबसे अधिक डेकोरेटेड मिलिट्री पर्सन है जिन्हें अब तक अशोक चक्र तथा कीर्ति चक्र दोनो से सम्मानित किया गया है।
केंद्र सरकार कीर्ति चक्र से सम्मानित व्यक्ति को प्रति महीना 9000 रुपये की राशि प्रदान करती है। अब बात करते है शांतिकाल के समय दिए जाने वाले अगले पुरुष्कार शौर्य चक्र की।
3. शौर्य चक्र (Shaurya Chakar)
शांतिकाल के समय अशोक चक्र तथा कीर्ति चक्र के बाद यह तीसरा वीरता पुरुष्कार है। शांतिकाल में वीरता पुरुष्कारो के क्रम में भी इसका स्थान तीसरा है। अशोक चक्र तथा कीर्ति चक्र की भांति शौर्य चक्र से भी मिलिट्री के अलावा सिविलियन को भी सम्मानित किया जा सकता है।
अब तक शौर्य चक्र से कुल 2014 व्यक्तियों को सम्मानित किया जा चुका है जिसमे से 627 व्यक्तियों को यह वीरता अवार्ड मरणोपरांत दिया गया है। शौर्य चक्र को वर्ष 1967 से पहले अशोक चक्र क्लास III के नाम से जाना जाता था।
भारतीय सेना में वीरता के लिए युद्धकाल के समय तथा शांतिकाल के समय ऊपर दिए गए gallantry awards से सम्मानित किया जाता है। इसके अतिरिक्त भी भारतीय सेना में सैनिकों को अन्य उत्तम कार्यो के लिए अन्य मैडल से सम्मानित किया जाता है जिसके बारे में हम अगली पोस्ट में बात करेंगे। नीचे कमेंट करके जरूर बताये की यह पोस्ट आपको किसी लगी।
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